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कौन है?-

आरव की बात सुनकर निर्मोही की सिटीपिट्टि गुम हो गई। घबराई हुई आवाज में वह चीखी। "कुछ करो आरव---वरना हम दोनों बेमौत मारे जाएंगे।" "मैं गाड़ी को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा हूँ मगर नहीं हो रही। तुम घबराओ मत निर्मोही, सब कुछ ठीक होगा। मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूंगा।" आरव निर्मोही को आश्वासन जरूर दे रहा था पर बाइक को कंट्रोल करते-करते उसके हाथ-पैर फूल गए थे। फिर भी बाइक उसके कंट्रोल में नहीं आया था। "यह सब क्या हो रहा है आरव? तुम बाइक को सड़क पर मोड़ने की कोशिश करो।" "मुझसे नहीं हो रहा निर्मोही, शायद अब यह बाइक वहीं जाकर रुकेगी जहाँ वो उसे रोकना चाहती है। मुझे तो अभी भी यकीन नहीं हो रहा कि मेरी बाइक मेरे कंट्रोल में नहीं है।" आरव हकीकत को हजम नहीं कर पा रहा था। "तुम मेरी बात सुनो!" निर्मोही ने आरव के कान में मुह ले जाकर कहा। "मुझे लगता है वह हमारे साथ छल कर रही है। तुम उसकी मायाजाल को अनदेखा करो आरव। लगता है हम बिल्कुल सही रास्ते पर हैं। ये बदले बदले से नजारे जरूर उसी की कारस्तानी है। उसने हमें साफ-साफ लफ्जों में  कहा था 'बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी!' मतलब कि वह हमें डरा रही है जबकि उसे जो करना था वह कर चुकी हैं।" निर्मोही की बात सुनकर आरव अचंभित था। उसके दिमाग में वही सवाल कौंधा। इतनी सी बात मेरे दिमाग में क्यों नहीं आई?" आरव को निर्मोही की बात बिल्कुल सही लगी। बाइक किसी और के कंट्रोल में होने की बात आरव ने दिमाग से निकाल दी। वह चुपचाप बाइक चलाता रहा। तेज रफ्तार से चलने वाली बर्फीली हवाएं दोनों के चेहरे पूरी तरह भीगो चुकी थी। धीमी खौफ की लहर उसके बदन में दौड गई। अचानक आरव के कान बज उठे।  "भगाओ.... आरव। भगाओ गाडी।" अचानक हवा के साथ आई फुसफुसाहट ने आरव को चौकन्ना कर दिया। आरव समझ चुका था, वह फुसफुसाहट निर्मोही की बिलकुल नही थी। अनजान रास्ते पर आरव बाइक को अंधाधुंध भगा रहा था। आखिरकार वह मिलन होटल तक पहुंच गया। वो जिस रास्ते से आया था वह उसके लिए बिलकुल अनजाना था। मिलन होटल पर लोगो की भीड़ जमा थी। बीच पर नहाने आये लोगो में बात तेजी से फैल गई थी। लोगो के बीच वहाँ पुलिस भी मौजूद थी। "आरव चलो देखते है कौन लड़की थी जिसकी मौत हुई है? और वो यहाँ क्या करने आई थी?" "हाँ, पुलिस के पास ही चलते है। वैसे भी हमारे पास बात करने की वजह तो है ही।" आरव ने कहा था।  बाइक को पार्क करके दोनो जहाँ पुलिस खडी थी उधर आगे बढे। लोगो की भीड़ को चीरते हुये दोनों आगे बढ़ रहे थे कि आरव की नजर अचानक निर्मोही की मम्मी पर पडी।  निर्मोही की मम्मी को वहां देखने की उम्मीद जरा भी नहीं थी। पता नहीं वो यहाँ क्या कर रही थी? आरव ने निर्मोही का हाथ पकड़कर उसे आगे बढ़ने से रोका। और बोला, "तुम्हारी मां  होटल मिलन पर क्या कर रही है? हमें पता लगाना पड़ेगा।" "कहाँ है मॉम?" निर्मोही के शब्दों में दुनिया भर का आश्चर्य उमड़ा आया। "वह देखो, आगे खड़े पुलिसिया के ठीक सामने खड़ी है। पुलिस उनसे कुछ पूछ रही है। हमें खुद को सबसे बचा कर उनकी बातें सुनी होगी। निर्मोही ने फटाफट अपने मुंह पर दुपट्टा बांध दिया। आरव ने भी मास्क से अपना मुंह ढक लिया। "बस हमें मां की नजरों में नहीं आना है!" इतना बोल कर निर्मोही आरव के साथ आगे बढ़ी। उसकी मां इंस्पेक्टर से कह रही थी। "मगर सर, मरने वाली लड़की कौन है? उसका पता लगाना जरूरी है। उसकी पहचान जितनी जल्दी हो सके मुझे बताया जाए। वह कौन है यह बात जानना मेरे लिए बहुत जरूरी हो गया है। "मगर क्यों मैडम ऐसी क्या बात है इस लड़की में? आपकी कोई रिश्तेदार खो गई है?" "यह सारी बातें लड़की की पहचान होने के बाद मैं आपको बताऊंगी। फिलहाल आप से रिक्वेस्ट है कि....," "पुलिस अपना काम कर रही है मैम, हमारी कोशिश यही रहती है कि जितनी जल्दी हो सके मृतक की पहचान सामने आए। क्योंकि इसके बिना तो हम हत्यारे का पता कैसे लगा पाएंगे। कभी-कभी ही ऐसा होता है कि लाश की पहचान नहीं हो सकती, ऐसी स्थिति में मरने वाले का कोई वारिस नहीं होता। हम उसे बिनवारसी लाश मानकर अंतिम विधि कर देते हैं। खास करके ऐसी संदिग्ध लाशों को दफन कर दिया जाता है। जिससे कभी भी ऐसे केस में कोई क्लू मिलता है तो केस को रिओपन किया जा सके।" "ठीक है सर मैं वापस आऊंगी मेरे लिए इस लड़की के बारे में जानना बेहद जरूरी हो गया है। उसकी कोई तस्वीर मिलती है तब भी मुझे बताइएगा सर,  मैं आपका एहसान जिंदगी भर नहीं भुलूंगी।" पुलिस अपना काम कर रही है मैम अगर कुछ भी पता चलता है तो सबसे पहले आपको बताया जाएगा। आप बेफिक्रे रहे। निर्मोही की मां पुलिस इंस्पेक्टर को हाथ जोड़कर प्रणाम करके निकल गई।  "मां क्यों उस लड़की के बारे में जानना चाहती है जिसे उस रहस्यमइ शक्ति ने मार डाला है?" निर्मोही ने हैरत भरी निगाहों से आरव की ओर देखा। "मेरी भी तो समझ में कुछ नहीं आ रहा! पता लगाना पड़ेगा माजरा क्या है?" "हाँ आरव, मॉम का इस तरह होटल मिलन पर मिलना आघात के साथ-साथ संदेह जनक बात है। न जाने कितने सवाल मेरे दिमाग को झकझोर रहे हैं।" आरव को अपना दिमाग घूमता हुआ फिल हुआ। ऐसा लगा जैसे सबकुछ गोल गोल घूम रहा था।


निर्मोही को आने वाले डरावने सपनों से पीछा छुड़ाने की हकीकत का पीछा करते हुए दोनो होटल मिलन तक पहुंच गए थे। लेकिन मिलन होटल पर निर्मोही की मॉम को देखकर दोनों अचंभित हो गए थे। जिस तरीके से आंटी जी इंस्पेक्टर से मरने वाली लड़की के बारे में पूछ रही थी उसका मतलब यही था कि वह कुछ ना कुछ छुपा रही थी। निर्मोही के सपनों से जुड़ा एक और डरावना सच हो सकता है। अब तो आरव भी सपनों के रहस्य की गुत्थी उकेलना चाहता था। आरव निर्मोही को लेकर सामने खड़े इंस्पेक्टर ठकराल के पास पहुंच गया। (क्रमशः)

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3 Comments

Varsha_Upadhyay

28-Sep-2023 06:51 AM

Nice 👍🏼

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madhura

27-Sep-2023 10:18 AM

Amazing part

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Gunjan Kamal

27-Sep-2023 08:52 AM

👏👌

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